सर, कार बिक चुकी है; पार्ट -1
- Pawan Raj (filmmakerpawan@gmail.com)
- Apr 14, 2018
- 2 min read
हाँ। सर,कार बिक चुकी है। अब कुछ बचा ही नहीं है सर,कार में। छप्पन इंच का बम्पर दिखाने से क्या होगा जब इंजन ही खोखली हो। सर,कार को 2014 में इस उम्मीद से घर लाया था की शहर और गाँव दोनों जगह बराबर माइलेज दे, पर किसको पता था की बैक विंडशील्ड पर आक्रोशित भगवान का पोस्टर लगाकर ये पीछे से आ रहे है विकास को हमसे महरूम करेगी।

Pic: ebay
वैसे सुना है सर,कार दिन के सोलह घंटे चलती है और विदेशों के भी कई दौरे कर चुकी है पर लगता नहीं है की भारत भ्रमण ठीक से किया हो। अरी नहीं... टेस्ट ड्राइव के समय तो हर जगह गई थी। हाँ, शायद अपना प्रचार प्रसार जो करना था।
लेकिन अब इसको हाईवे और फोरलेन जैसी सड़कों पर ही दौड़ना है। गाँवों-खलिहानों में तो दिखना ही नहीं है क्यूँकि इसकी हेडलाइट की चमक को गुलज़ार करने वाले तो शहर में बैठे है। यूँ तो साइलेंसर बड़ा आवाज़ करता है लेकिन अपने पार्ट-पुर्जों को फिट एंड फाइन दिखाने के लिए अति महत्वपूर्ण भ्रमण में चुप्पी साध लेता है।
सर,कार का यह मॉडल तो दिखने में चमकदार और आलीशान है लेकिन फिलहाल के कुछ यात्राओं में इसने जैसी माइलेज दी है ना... उससे पता लग गया है की पार्ट-पुर्जें बेहद ही नीच क्वालिटी के लगे है। इसलिए सर,कार बिक चुकी है और शायद अगले साल मैं इस मॉडल को दोबारा ना खरीदूँ।
आने वाले समय में आप भी इसे एवं इसके जैसे दिल्ली और क्षेत्रीय जगहों के मॉडल को सबक सिखाएँ। क्या? ये आप मुझसे बेहतर जानते हैं।
(यह ब्लॉग लेखक की व्यक्तिगत राय है इसको ना तो हाथ ने, ना हाथी ने, ना साइकिल ने और ना ही लालटेन ने स्पांसर किया है। व्यंग का माने होता है पढ़ना और अच्छा लगे तो याद रखना ना की आपत्ति, विपत्ति या मुँह फुलाना। एन्जॉय और शेयर करो यार।)
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