चेहरे के होते है चेहरे
- Pawan Raj (filmmakerpawan@gmail.com)
- Feb 27, 2018
- 2 min read
इंट्रोवर्ट मने अंतर्मुखी मने ठेठ में कहे तो भीतरघुन्ना, स्त्रीलिंग भीतरघुन्नी। ये खुद में नकियाते हैं और इनसे तनिक बात करना चाहो तो नवेली दुल्हनिया की तरह शरमाते हैं। वैसे दुल्हन का शरमाना भी ऑउटडेटेड हो चला है। लव मैरिज वालियाँ तो उल्टे आपको पानी-पानी कर दें। खैर, इंट्रोवर्ट व्यक्ति जो है भोले नहीं होते, ना-ना बिलकुल भी नहीं। शांत चितवन के भीतर इनके मन में ज्वालामुखी भाँती अनेकों ज्वार उछल-कूद मारते है।

Pic: Manish Kumar
अगर आपको पता ना हो तो बता दूँ यूनिवर्सिटी में रिसर्च पेपर भी होते हैं और मेरा रिसर्च से कोई ताल्लुकात नहीं है। फिर भी खरकांही कर के भीतरघुन्नो को अपनी विषय-वस्तु बनाकर इनपर गहन शोध किया है। इतने वर्षों के शोध के पश्चात यह पाया गया की इंट्रोवर्ट भी एक एक्सटेंट (सीमा) तक ही इंट्रोवर्ट होते है। मने यह भी राजनेताओं की तरह धकापेल छीछालेदर करते हैं। माननीयगण प्रत्यक्ष रूप से करते बनिस्बत यह अप्रत्यक्ष रूप से। "देय आर को-पॉवर्ड बॉय सोशल मीडिया।"
ऐसे प्राणी सोशल मीडिया पर मेमे नहीं मीम और पुन शेयर करते पाए जाते है। राजनैतिक-समसामायिक मुद्दों पर ऐसे गरजते है, भाईसाहब/बहनमैडम असल ज़िन्दगी में भी भौंक लो (निवेदन है)। अप्रत्यक्षता की आड़ में ये खुलकर आते है और एक्सट्रोवर्टाई बतियाते है। इनका खुलकर सामने से नहीं आने का आखिर कारण क्या है?
अपनी शोध में इनको परखा तो पाया की अलग-अलग जगहों, मुआमलों, परिस्थितियों में इनसे भारी मात्रा में आत्मविश्वास की कमी पायी गई। अब ये होते भी तो बदमाश है। दिलफेंक: फ़ेंक दिया दिल। जहाँ जाते है बाई-डिफ़ॉल्ट एक क्रश (एकतरफा प्रेम से तात्पर्य है यहाँ) बना ही लेते है। क्रश न हुआ भाजपा हो गया हर जगह सरकार बनाता चला जा रहा है।
अब प्रेमासक्त होकर उनके सामने किसकी आवाज़ निकलती है भला! तो ये भी नहीं बोलते। पर फेसबुक, व्हाट्सएप्प पर यही भीतरघुन्ने है जो मैसेज करेंगे; 'हेय, व्हाट्स अप? डिड आई डिस्टर्ब यू? कैन वी प्लीज हैव अ कन्वर्सेशन?' हाँ ठीक है तुम कभी कभी एंजेल प्रिया और पापा की परी अंजलि बन जाते/जाती हो। पर ये काफी कंफ्यूजिंग है। फर्क कर पाना मुश्किल है। पास इनके दो चेहरे है तो दो गले भी हुए? अब मुंडी गले पर ही तो टिकती है।
खैर, अभी तक इस लेख को पढ़ते हुए अपने मन की गैलरी में जिनका फोटू देखा है उनको हटाकर अपनी सेल्फी देखने का वो वक़्त आ गया है। हाँ! क्यूँकि हम सब इंट्रोवर्ट है। ऑफेंड नहीं होएँ। जाहिर तौर पर हम सबके पास दो चेहरे है। किन्ही के सामने कुछ तो किन्ही के सामने कुछ। दो चेहरा है तो दो गला भी होगा। हाँ, है तो है।
वैसे देखे तो ये बुरी बात भी नहीं है। लेकिन चेहरे के भी चेहरे होने लगे तो मेरे जैसा भोला व्यक्ति तो कन्फ्यूज़ ही होता रहेगा। और हम कन्फ्यूज़ होने के लिए थोड़ी अवतारित हुए हैं।
इसलिए नम्र निवेदन है की एक ही फेस पर क्रीम-पाउडर लगाकर उसको ही लिट (चमकाए) बनाये।
-धन्यवाद (नहीं कहूँगा) :p
तो बताये आप कितने इंट्रोवर्ट को जानते है? धड़ल्ले से डेडिकेट कीजिये ये लेख उनको।
Comments